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डिजिटल प्लेटफॉर्म, मानकीकरण और ग्राहक विश्वास को अपनाने में निहित है विकास का अगला चरण : एसडी छाबड़ा।

गुरूग्राम (जतिन/राजा)

भारत के ऑटोमोटिव आफ्टरमार्केट क्षेत्र को नई दिशा देने और इससे जुड़े अवसरों व चुनौतियों पर गहन विचार-विमर्श के उद्देश्य से ड्राइविंग इनोवेशन, पावरिंग द आफ्टरमार्केट थीम के तहत एक विशेष ऑटोमोटिव आफ्टरमार्केट कॉन्क्लेव (एएसी 2025) के दूसरे संस्करण का आयोजन गुरूग्राम के होटल क्राउन प्लाज़ा में किया गया।

एएसी 2025 के दूसरे संस्करण की मेजबानी भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा की गई। इस कॉन्क्लेव में देशभर के ऑटो इंडस्ट्री लीडर्स, टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट्स, स्टार्टअप प्रतिनिधि और नीति-निर्माताओं ने हिस्सा लिया। एएसी 2025 के दूसरे संस्करण का उद्देश्य भारत के तेजी से बढ़ते आफ्टरमार्केट सेक्टर में नवाचार को बढ़ावा देना, डिजिटल परिवर्तन को अपनाना और सतत विकास के मॉडल तैयार करना रहा।

वक्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि कैसे इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, डिजिटल डायग्नोस्टिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ग्राहक व्यवहार में बदलाव आफ्टरमार्केट की परिभाषा को ही बदल रहे हैं। कॉन्क्लेव में भारत के ऑटोमोटिव आफ्टरमार्केट के भविष्य को आकार देने वाले अवसरों और चुनौतियों का पता लगाने के लिए ओईएम, कंपोनेंट निर्माताओं, नीति निर्माताओं और प्रौद्योगिकी प्रदाताओं के वरिष्ठ नेताओं को आमंत्रित किया गया।
ऑटोमोटिव आफ्टरमार्केट कॉन्क्लेव में पहुंचने पर सभी गणमान्यों का सीआईआई गुरूग्राम जोन के चेयरमैन विनोद बापना ने स्वागत करते हुए कहा कि ऑटोमोटिव आफ्टरमार्केट अब सिर्फ स्पेयर पार्ट्स और मरम्मत तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह नवाचार, तकनीक और सतत विकास की ओर बढ़ रहा है।

उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से ना केवल उद्योग की दिशा तय होती है, बल्कि युवा उद्यमियों और स्टार्टअप्स को भी अपने आइडिया पेश करने का मौका मिलता है।
इस मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए एएसी 2025 चेयरमैन एवं मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के पार्ट्स, एक्सेसरीज और लॉजिस्टिक्स के कार्यकारी अधिकारी एसडी छाबड़ा ने कहा कि विकास का अगला चरण डिजिटल प्लेटफॉर्म, मानकीकरण और ग्राहक विश्वास को अपनाने में निहित है। छाबड़ा ने कहा कि भारत की बढ़ती अर्थव्यवस्था, जो अब नाममात्र जीडीपी के हिसाब से वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर है, आफ्टरमार्केट के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती है, खासकर बढ़ती आय के स्तर, शहरीकरण और इलेक्ट्रिक वाहनों के उदय के साथ।
उन्होंने कहा कि भारत के ऑटो कंपोनेंट आफ्टरमार्केट के 2030 तक 6 प्रतिशत बढक़र 16 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जिसका मुख्य कारण यात्री वाहन और वाणिज्यिक वाहन खंडों में वृद्धि है।

बीएस-6 वाहनों, टर्बोचार्ज्ड इंजन, हाइब्रिड सिस्टम और एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम की बढ़ती मौजूदगी विशेष डायग्नोस्टिक्स, सटीक पार्ट्स और कुशल सर्विसिंग क्षमताओं की मजबूत मांग पैदा कर रही है।
इस मौके पर सीआईआई हरियाणा के अध्यक्ष एवं संदेन विकास (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अभिमन्यु सर्राफ ने आफ्टरमार्केट को भारत के ऑटोमोटिव और आर्थिक इंजन का एक प्रमुख स्तंभ बताया।

उन्होंने स्वतंत्र आफ्टरमार्केट, मजबूत कौशल कार्यक्रमों और अधिक आपूर्ति श्रृंखला लचीलेपन के लिए मजबूत समर्थन का आह्वान किया। होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ निदेशक विनय ढींगरा ने बताया कि आफ्टरमार्केट क्षेत्र निर्णायक परिवर्तन देख रहा है, जो प्रतिक्रियात्मक मरम्मत से पूर्वानुमानित, तकनीक-संचालित सेवा वितरण की ओर बढ़ रहा है।
इसमें बीएमडब्ल्यू इंडिया, होंडा कार्स इंडिया, किआ इंडिया, यूएनओ मिंडा, ईवाई, एडोब, गूगल इंडिया और बीपीसीएल सहित कई प्रमुख कंपनियों ने भी हिस्सा लिया।