भिवानी:
वैसे तो सम्पूर्ण साहित्य समाज का आइना हैँ लेकिन बात ज़ब कविताओं की आती हैँ तो मन की अनुभूति का दूसरा नाम कविताएं होती हैँ। यह कहना हैँ चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय के डीन स्टूडेंट और एन एस एस कोर्डिनेटर डॉ सुरेश मलिक का. वे आज डॉ वी एम बेचैन की नव प्रकाशित हरियाणवी कविताओं की पुस्तक “सुणो छोरियों” का अवलोकन कर रहे थे, डॉ बेचैन से प्राप्त पुस्तक पर नजर दौड़ाते हुए उन्होंने कहा की हरियाणवी जन जीवन की भावनाओ को कविताओं के माध्यम से प्रस्तुत करके कवि ने अपना धर्म निभाया हैँ।
उन्होंने कहा की आज समाज को उचित मार्गदर्शन और सवेदनात्मक सहयोग की जरूरत हैँ। साहित्य इस बारे मे अहम भूमिका निभा सकता हैँ. डॉ सुरेश मलिक ने पुस्तक प्रकाशन पर कवि को बधाइयां देते हुए शुभकामनायें दी और कहा की साहित्य मे इसी प्रकार डॉ बेचैन अपना योगदान देते रहे। इस पर डॉ लखबीर सिंह, निशांक, मंजीत ढांडा सहित अनेक महानुभाव मौजूद थे।