गुरूग्राम जतिन /राजा
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए इनकम टैक्स बिल-2025 को लोकसभा में पेश किया। यह बिल पुराने आयकर कानून से काफी अलग है। इस बिल के तहत टैक्स फाइलिंग से जुड़ी जटिलताओं को खासतौर पर कम करने की कोशिश की गई है। लोकसभा में पेश किए गए इस नए बिल में कई अहम बदलाव किए गए हैं। इनकम टैक्स एक्ट 2025 पहले से सरल, पारदर्शी और टैक्सपेयर के अनुकूल बनाने का दावा किया गया है।
यह बात कैपेरो मारूती के सीईओ व सीआईआई गुरुग्राम जोन के वाईस चेयरमैन विनोद बापना ने नए इनकम टैक्स बिल-2025 पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही। उन्होंने कहा कि नए टैक्स नियमों बिल के पारित होने के बाद कई नए शब्दों का चलन बढ़ जाएगा। जैसे पहले फाइनेंशियल ईयर, प्रीवियस ईयर, असेसमेंट ईयर और ऐसे ही कई शब्दों का इस्तेमाल किया जाता था , वहीं अब इनकी जगह टैक्स ईयर के शब्द का इस्तेमाल किया जाएगा।
इससे टैक्सपेयर्स को समझने में आसानी होगी। विनोद बापना ने कहा कि नए बिल के तहत छूट से लेकर नए नियमों को अलग-अलग सेक्शन में विस्तार से बताया गया है। नए बिल के तहत कुल 536 सेंक्शन, 16 अनुसूचियां और कुल 23 चैप्टर्स है। मौजूदा कानून में कुल 14 अनुसूचियां हैं, लेकिन अब नए बिल में इसकी संख्या को बढ़ाकर 16 कर दिया गया है।
नए कानून के तहत टोटल इनकम कैलकुलेशन के लिए होम प्रॉपर्टी और कैपिटल गेन से इनकम समेत कुछ धाराओं या अनुसूचियों के तहत कोई छूट या कटौती नहीं होगी। नए कानून के तहत डिफेंस सर्विस जैसे आर्मी, पैरा फोर्स और अन्य कर्मचारियों को मिले ग्रेच्युटी को टैक्स से छूट दी जाएगी। मेडिकल, होम लोन, पीएफ, हायर एजुकेशन पर लोन जैसे ऋणों पर टैक्स छूट जारी रखा गया है।
विनोद बापना ने कहा कि नए बिल के कानून बनते ही अंग्रेजों के जमाने के ऐसे कई शब्दों का इस्तेमाल भी बंद हो जाएगा। साथ ही इनकम टैक्स के नियमों में इस्तेमाल की भाषा को भी सरल बनाया जाएगा, ताकि कोई भी आम इंसान इसे आसानी से समझ सके।