मालती मोहिंदर सिंह सिंघल परिवर्तन की शक्ति थी और आज भी हैँ- मनोज सिंघल
नई दिल्ली (जतिन/राजा)
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश का भविष्य कक्षा में ही बनता है तथा शिक्षक उस भविष्य के निर्माता हैं। अगर हम समाज में स्थायी परिवर्तन चाहते हैँ तो हमें शिक्षकों को वह सम्मान, समर्थन और संसाधन देना होगा जिसके वे असल हकदार हैं।
उन्होंने कहा कि शिक्षक केवल छात्रों के जीवन में ही नहीं, बल्कि पूरे समाज में बदलाव के वाहक हैँ। उपराष्ट्रपति मोहिंद्र सिंह सिंघल एजुकेशन एंड रिर्सच सोसायटी एमएमएम फाउंडेशन के अध्यक्ष मनोज सिंघल की माता मालती मोहिंदर सिंह सिंघल की 104वीं जयंती पर अध्यापक सम्मान समारोह मालती ज्ञान पीठ पुरस्कार-2025 में अध्यापकों को सम्मानित करने के उपरांत कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। नई दिल्ली इंडिया इंटरनेशनल सेंटर के कमला देवी कॉपलेक्स में आयोजित हुए अध्यापक सम्मान समारोह में उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्यअतिथि के तौर पर पहुंचे। इसके अलावा विशिष्ट अतिथि के तौर पर पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, मेनका संजय गांधी, इनेलो सुप्रीमो अभय सिंह चौटाला,मैनेजिंग ट्रस्टी रूबी जैन,डॉ महेश वर्मा वाईस चांसलर आईपी यूनिवर्सिटी, ने शिरकत की। इनके अलावा कार्यक्रम में विभिन्न राज्यों से गणमान्य व्यक्तियों ने शिरकत की।
कार्यक्रम के दौरान प्रत्येक पुरस्कार में एक लाख रूपये, सम्मान चिह्न एवं उत्कृष्टता प्रमाण पत्र शामिल रहे। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि शिक्षक सिर्फ एक पेशा नहीं, बल्कि वह आधारशिला हैं जिन पर एक समृद्ध राष्ट्र की नींव रखी जाती है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में जब समाज तकनीकी, आर्थिक और सामाजिक बदलावों की तेज रफ्तार से गुजर रहा है, शिक्षक ही हैं जो इन बदलावों को सही दिशा देते हुए नई पीढ़ी को तैयार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षक ही वह कड़ी हैं जो बच्चों के मन में वैज्ञानिक सोच, नैतिक मूल्यों और सामाजिक जि़म्मेदारी की भावना भरते हैं।
एक शिक्षक ना केवल गणित या विज्ञान पढ़ाता है, बल्कि वह समाज को एक बेहतर सोच देने की नींव भी रखता है। इसीलिए उन्हे स्वर्णिम भविष्य का निर्माता कहा जाता है तथा देश के स्वर्णिम भविष्य की नींव रखने वाले अध्यापकों के सम्मान में इस प्रकार के समारोह का आयोजन बहुत जरूरी है।
एमएमएम फाउंडेशन के अध्यक्ष मनोज सिंघल ने बताया कि यह पुरस्कार समारोह लगातार 8वें वर्ष आयोजित किया गया। उन्होंने बताया कि मालती ज्ञान पीठ पुरस्कार-2025 समारोह में विभिन्न विषयों के अध्यापकों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देते हुए अपने कर्तव्य का बखूबी निर्वहन किया।
उन्होंने कहा कि हमारी यात्रा एलके आडवाणी से लेकर एस प्रकाश सिंह बादल,चौ.ओम प्रकाश चौटाला से लेकर डा. एपीजे अब्दुल कलाम, प्रणब मुखर्जी से लेकर एम वेंकैया नायडू, एम हामिद अंसारी, आरिफ मोहम्मद खान से लेकर प्रकाश जावड़ेकर से लेकर मनीष सिसोदिया तक की उपस्थिति से धन्य रही। मालती ज्ञान पीठ पुरस्कार के आठवें संस्करण का आयोजन उनके लिए सम्मान और गौरव की बात है।
उन्होंने कहा कि ज्ञान, शिक्षा की शक्ति और एक ऐसी महिला को दिल से श्रद्धांजलि है, जिसके जीवन ने चुपचाप एक आंदोलन को प्रज्वलित किया। उन्होंने कहा कि उनकी माता मालती मोहिंदर सिंह सिंगल परिवर्तन की शक्ति थी और आज भी हैं।
उन्होंने कहा कि वे ऐसे समय में जन्मी थी, जब सामाजिक मानदंड महिलाओं को दीवारों के भीतर सीमित रखते थे, उन्होंने उन सभी को चुनौती दी। उन्होंने 70 से अधिक वर्षो तक अध्यापन के लिए समर्पित किए, विशेष तौर पर ग्रामीण इलाकों में, जहां लड़कियों को अक्सर सीखने के अधिकार से वंचित रखा जाता था। उन्होंने सभी से आह्वान करते हुए कहा कि हमे अपनी बेटियों को सशक्त बनाना चाहिए।