Loading

भिवानी, अभय ग्रेवाल

भिवानी में लेडी टीचर मनीषा के मर्डर केस पुलिस के दूसरे दिन में हत्यारों तक नही पहुंची है। ग्रामीणों व परिजनों को भिवानी सांसद धर्मबीर सिंह व एसपी मनबीर ने सिविल अस्पताल पहुंचकर समझाया है। मृतक मनीषा के परिजन व ग्रामीण हत्यारों की गिरफतारी, लोहारू पुलिस के खिलाफ कार्रवाई सहित कई अन्य मांगो पर अड़ गए है। ग्रामीणों ने भिवानी के सामान्य अस्पताल में धरना षुरू कर दिया है। हत्या के दिन से टीचर के परिजनों व ग्रामीणों में पुलिस के खिलाफ भारी रोष है। जिसमें चलते भिवानी पुलिस पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। ठीक एक दिन बाद 15 अगस्त के दिन किसी भी हंगामे से बचने के लिए पुलिस इस मामले का खुलासा कर सकती है। अगर ऐसा भिवानी पुलिस ने समय रहते कर दिया तो भिवानी पुलिस का यह काम वाक्य में काबिले तारीफ होगा। मनीषा के पिता संजय और मामा कुलदीप ग्रामीणों के साथ सिविल अस्पताल में डटे हुए हैं। उन्होंने पोस्टमॉर्टम के बाद मनीषा का शव लेने से इनकार कर दिया है।
सांसद, एसपी ने लोगों को समझाया
भिवानी पुलिस अधीक्षक मनबीर लगातार इस मामले की जानकारी हासिल कर रहे है। उन्होंने आज भिवानी सामान्य अस्पताल पहुंचकर मृतक टीचर के पिता को भरोसा दिलाया कि वे जल्द आरोपियों को गिरफतार कर लेंगे। वही सांसद धर्मबीर सिंह ने भी मौके पर मौजूद लोगों को कोई भी गलत कार्य नही करने की सलाह दी। सांसद ने ग्रामीणों को जल्द गिरफतार करने का आष्वासन दिया।

पुलिस जांच में अब तक ये आया सामने
एसएचओं अषोक कुमार ने बताया कि अंदाजा है कि टीचर को पहले अगवा कर कहीं रखा गया। और दूसरी, हत्या कर शव को गांव सिंघानी के खेतों में नहर के पास फेंका गया। उसका मोबाइल फोन अभी बरामद नहीं हुआ है। मनीषा ने आखिरी कॉल 11 अगस्त को अपने पिता को की थी, जिसमें कहा था- मैं लेट हो जाऊंगी। अशोक कुमार का कहना कि शव को देखकर लग रहा है कि मनीषा की हत्या 12-13 अगस्त की रात को या 13 अगस्त की सुबह की गई। जबकि वो 11 अगस्त को लापता हुई। इससे लगता है कि उसे पहले अगवा कर कहीं रखा गया। अगर 11 अगस्त को हत्या हुई होती तो शव सड़ने लगता और बदबू आती। पुलिस अगवा करके हत्या करने की थ्योरी से इनकार नहीं कर रही।