भिवानी:
इस बार का लोकसभा चुनाव साधारण चुनाव नही है, ये सच भी है यदि बात भिवानी-महेंद्रगढ़ की करें तो यहां भाजपा से सांसद धर्मबीर सिंह फिर तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं।
वहीँ कांग्रेस ने इस बार ऐसा प्रत्याशी मैदान में उतारा की सभी के पसीने छूटते दिखाई दे रहे हैं।
अगर सूत्रों की माने तो ये बात खुद प्रतिद्वंद्वी नेता व कार्यकर्ता दबी जुबा से बोल रहे हैं!
भिवानी-महेंद्रगढ़ में कांग्रेस की बढ़त ऐसे ही नही कही जा रही है इसके पीछे के पहलुओं को समझिए।
तोशाम,बाढड़ा,लोहारू,दादरी ये ऐसे हल्के हैं जिनमें जाट वोट बैंक का पूरी तरह दबदबा है।
भिवानी हल्के में राजपूत,ब्राह्मण, के अलावा अन्य भी कांग्रेस की तरफ झुके दिखाई दे रहे हैं।उधर जाट अच्छे खासे सरकार से नाराज हैं, यदि व्यक्तिगत रसूख की बात भी करें तो सत्ताधारी पार्टी व सांसद बमुश्किल से 20 फीसदी ही जाट वोट ले पाएंगे। ऊपर से पूरे प्रदेश में जो लहर कांग्रेस की तरफ से चलाई जा रही है कि मुख्यमंत्री हुड्डा ही बनेंगे,क्योंकि टिकट बटवारे व चुनावी कम्पेन में सब कुछ हुड्डा के इर्द गिर्द ही रहा है। दूसरा हैवी कंडीडेट महेंद्रगढ़ विधायक राव दान सिंह को उतारने के पीछे अहीरवाल वोट बैंक में अच्छा खासा रसूख माना जाता है। अटेली,नारनोल,महेंद्रगढ़, नांगल चौधरी में राव दान सिंह का दबदबा देखते हुए ही जहां पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आगमन भिवानी होने की संभावना थी एका एक बदलते हुए महेंद्रगढ़ रखा गया है। केंद्रीय प्रभावशाली मंत्री ठाकुर राजनाथ सिंह को भिवानी उतारा गया।
बीजेपी पहले तो मोदी लहर ही समझकर अहीरवाल में खुद का दम दिखाना चाहती थी,जिसके चलते शायद नामांकन के समय राव इंद्रजीत सिंह तक को दरकिनार कर दिया गया था। लेकिन जब राव दान सिंह कांग्रेस प्रत्याशी का बूम दिखाई दिया तो बीजेपी हाथ पैर फुला बैठी। राव इंद्रजीत सिंह को भी कुछ बड़े गांवों में बुलाया गया यहां तक कि सोशल मीडिया पर अपील करवाई गई।
परन्तु कांग्रेस प्रत्याशी प्रतिदिन भारी नजर आते दिखाई देते रहे। लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस की बढ़त को झटका देने के लिए अंतिम प्रयास मोदी मैजिक पर ही आस है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लोकसभा क्षेत्र में कितनी सेंध लगा पाएंगे ।क्या धर्मबीर सिंह की हैट्रिक बन पाएगी,यह तो समय बताएगा लेकिन इसबार बीजेपी की डगर इतनी आसान दिखाई नही दे रही ।