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जरूरतमंदों के साथ पर्वो की खुशियां सांझा करना समाज में सकारात्मकता और सद्भावना का बनाता है वातावरण : अशोक कोठारी
जरूरतमंद लोगों के साथ दीपावली मनाना उनके जीवन में नई उमंग व खुशी के संचार के समान : विनोद बापना
दीपावली पर्व पर छोटी-छोटी खुशियों से परिचय बढ़ाता है आत्मविश्वास और खुशी : विनोद बापना

नई दिल्ली (जतिन /राजा )

दीपावली का पर्व सिर्फ रोशनी और पटाखों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में आपसी प्रेम, सहयोग और खुशियां बांटने का एक अवसर भी है। दीपावली पर्व के दौरान जब हम जरूरतमं लोगों के साथ खुशियां सांझा करते है तो हम उन्हे समाज का हिस्सा महसूस करवाने के साथ-साथ उनके जीवन में थोड़ी रोशनी लाने का भी प्रयास करते है। जरूरतमंद लोगों के साथ दीपावली पर्व की खुशियां सांझा कर उनके जीवन में खुशियारा भरने के प्रयास के साथ दिल्ली एनसीआर की प्रमुख सामाजिक संस्था रत्नत्रय फाऊंडेशन द्वारा हर वर्ष दीपावली जैसे महापर्व जरूरतमंद बच्चों, अस्पतालों में कार्यरत्त सफाई व सुरक्षा कर्मचारियों सहित अन्य जरूरतमंद लोगों तक मिठाई व तोहफे पहुंचाते हुए उनके साथ दीपावली पर्व की खुशियां सांझा करते है। इसी कड़ी में इस वर्ष भी रत्नत्रय फाऊंडेशन द्वारा दिल्ली एनसीआर विभिन्न क्षेत्रों में 25 हजार से अधिक मिठाई के डिब्बों का वितरण कर जरूरतमंद लोगों के साथ दीपावली पर्व की खुशियां सांझा कर उनकी दीपावली में खुशियां भरने का कार्य कर रही है।
इस मौके पर रत्नत्रय फाऊंडेशन के फाऊंडर अशोक कोठारी ने हमारे संवादाता जतिन को बताया कि फाऊंडेशन का हमेशा प्रयास रहता है कि प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति तक मदद के हाथ बढ़ाए जा सकें। विशेषकर विभिन्न पर्वो के अवसर पर उनके साथ पर्व की खुशियां सांझा की जा सके, ताकि वे लोग स्वयं को समाज से अलग ना समझे। कोठारी ने कहा कि समाज में जरूरतमंदों की मदद करना और उनके साथ समय बिताना समाज में सकारात्मकता और सद्भावना का वातावरण बनाता है, जिससे अन्य लोग भी प्रेरित होकर मदद के लिए आगे आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के सामाजिक कार्यो का सबसे अधिक प्रभाव युवा वर्ग पर पड़ता है, क्योंकि युवा अवस्था में बच्चें जो भी माहौल देखते है, उसका असर उन पर काफी गहरा पड़ता है। ऐसे में यदि आज हम जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाएंगे, तभी युवा वर्ग भी भविष्य में इस दिशा में कार्य कर पाएगा।


इस अवसर पर रत्नत्रय फाऊंडेशन के मुख्य संरक्षक विनोद बापना ने कहा कि जरूरतमंद लोगों के साथ दीपावली मनाकर हम केवल एक त्यौहार नहीं मनाते, बल्कि उनकी जिंदगी में कुछ क्षण के लिए ही सही, लेकिन अनमोल खुशी और उमंग का संचार करते हैं, जिससे समाज और हमारे जीवन में एक सकारात्मक बदलाव आता है। समाज में बहुत से बच्चे ऐसे है, जो अपने जीवन में अच्छी शिक्षा, अच्छे कपड़े या मिठाइयों का सपना भी नहीं देख पाते हैं। ऐसे में दीपावली पर्व पर उन्हें इन छोटी-छोटी खुशियों से परिचित कराना उनके आत्मविश्वास और खुशी को बढ़ाने में मदद करता है। बापना ने कहा कि जरूरतमंद लोगों के साथ पर्वो की खुशयिां सांझा करने से हम समानता का संदेश देने के साथ-साथ खुशियां बांटने का आनंद भी मिलता है।
गौरतलब होगा कि रत्नत्रय फाऊंडेशन समाजसेवा के क्षेत्र में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाता जा रहा है। जिसके तहत जरूरतमंदों की मदद के लिए फाउंडेशन के सदस्य हमेशा सक्रिय रहते है। बात करे कोरोना काल की तो रत्नत्रय फाऊंडेशन द्वारा समाजसेवा के क्षेत्र में एक अनूठी मिसाल पेश करते हुए रोजाना सैंकड़ों लोगों तक खाद्य सामग्री पहुंचाई गई थी, ताकि आपदा के समय कोई भी व्यक्ति भूखा ना रहे।

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