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गुरुग्राम , जतिन /राजा 

नई दिल्ली के लिंग्यास ललिता देवी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड साइंस के डिपार्टमेंट ऑफ कॉमर्स में बजट पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।कार्यक्रम में विशेष तौर पर कैपेरो मारूती के सीईओ व सीआईआई गुरुग्राम जोन के वाईस चेयरमैन विनोद बापना पहुंचे। इस दौरान उनके साथ केएसवी टैक्स कंसलटेंट के मैनेजिंग पार्टनर डा. सचिन शर्मा, कृष्णा एंड एसोसिएट के मैनेजर पार्टनर सीए अंकुर अग्रवाल, एलएलडीआईएमएस की सीनियर एसोसिएट प्रोफेसर डा. शिखा गुप्ता भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम का सफल आयोजन करवाने मे जोहा अशफाक व आशु का अहम योगदान रहा।बजट पर चर्चा कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बीते एक फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट में विभिन्न वर्गो को लेकर किए गए प्रावधानो, सरकार की आर्थिक नीतियों और उनके प्रभावों की समीक्षा, विभिन्न क्षेत्रों में बजट के प्रभाव का विश्लेषण कर संभावित लाभ और चुनौतियों पर चर्चा व भविष्य की नीति निर्माण में सुधार और सुझाव देना रहा। कार्यक्रम में पहुंचे विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने अपने-अपने अमूल्य विचार रखे।

कैपेरो मारूती के सीईओ व सीआईआई गुरुग्राम जोन के वाईस चेयरमैन विनोद बापना ने कहा कि केंद्रीय बजट पेश होने के बाद अब वेतनभोगियों को 12 लाख तक कोई टैक्स नहीं देना होगा। 12 से 16 लाख पर 15 प्रतिशत, 16 लाख से 20 लाख पर 20 प्रतिशत, 20 से 24 लाख पर 25 प्रतिशत तथा 24 लाख से ऊपर 30 प्रतिशत टैक्स का प्रावधान किया गया है। केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद वेतनभोगियों को काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा बजट में बुजुर्गो के लिए उनकी आय पर होने वाली छूट 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख की गई है तथा टीडीएस की सीमा भी बढ़ाकर 6 लाख करके आमजन को टैक्स में बड़ी छूट दी है।
कैपेरो मारूती के सीईओ व सीआईआई गुरुग्राम जोन के वाईस चेयरमैन विनोद बापना ने कहा कि केंद्र सरकार के बजट में नए स्टार्टअप के लिए 10 करोड़ तक के लोन का प्रावधान, छोटे उद्योगों के लिए 10 लाख क्रेडिट कार्ड जारी किए जाने का प्रावधान, नए स्टार्टप के लिए ऋण की सीमा 10 करोड़ से बढ़ाकर 20 करोड़, किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड की लिमिट तीन से बढ़ाकर 5 लाख, मैडिकल क्षेत्र में अगले पांच सालों में 75 हजार सीटें बढ़ाने, नए एयरपोर्ट निर्माण तथा परमाणु ऊर्जा मिशन पर 20 हजार करोड़ रूपये खर्च करने का बजट का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि बजट में किए गए प्रावधान
देश को प्रगति की ओर ले जाने वाला कदम साबित होगा।
विनोद बापना ने कहा कि बजट पर चर्चा केवल एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक लोकतांत्रिक अभ्यास है, जो सरकार की आर्थिक नीतियों को अधिक प्रभावी, पारदर्शी और जवाबदेह बनाता है। यह चर्चा आम जनता को भी अपने आर्थिक हितों के प्रति जागरूक बनाती है और सरकार को देश के आर्थिक विकास के लिए बेहतर नीतियाँ बनाने में मदद करती है। उन्होंने कहा कि बजट पर चर्चा जैसे कार्यक्रमों से सरकार की आय-व्यय योजनाओं की जानकारी मिलती है। इससे समझ में आता है कि कौन-से नए कर लागू किए गए हैं और कहां छूट दी गई है तथा बजट का अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ेगा, यह चर्चा के माध्यम से स्पष्ट होता है। भविष्य की वित्तीय योजनाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए यह चर्चा उपयोगी होती है।