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गुरूग्राम (जतिन/राजा)
दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-48) पर मानेसर क्षेत्र में लंबे समय से जारी भीष्ण जाम से परेशान औद्योगिक इकाइयों और आम नागरिकों को अब कुछ राहत की उम्मीद जगी है। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने हाल ही में पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस गुरुग्राम में अधिकारियों की एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित कर इस गंभीर समस्या पर संज्ञान लिया और फ्लाईओवर निर्माण से पहले वाहनों के सुगम आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग की ठोस व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
बैठक के दौरान मंत्री ने स्पष्ट किया कि मानेसर में प्रस्तावित एलिवेटेड फ्लाईओवर के निर्माण कार्य को तभी शुरू किया जाए जब गुरुग्राम-पटौदी-रेवाड़ी राष्ट्रीय राजमार्ग (352डी) का कार्य पूरा हो जाए, ताकि एनएच-48 पर यातायात दबाव कम किया जा सके।
उन्होंने कहा कि विकास योजनाओं का उद्देश्य केवल ढांचे खड़े करना नहीं, बल्कि आमजन की सुविधा, सुरक्षा और क्षेत्र के औद्योगिक संतुलन को बनाए रखना भी होना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री की इस पहल पर उद्योग जगत ने उनका आभार व्यक्त किया है। सीआईआई गुरुग्राम जोन के चेयरमैन और कैपेरो मारुति के सीईओ विनोद बापना ने कहा कि मंत्री द्वारा इस विषय पर तत्काल कार्रवाई करना उद्योग क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने कहा कि मानेसर क्षेत्र देश के प्रमुख औद्योगिक हब में शामिल है।
यहां मारुति, हीरो, होंडा जैसी अग्रणी कंपनियों के साथ सैकड़ों वेंडर्स कार्यरत हैं। घंटों लगने वाले जाम के कारण सप्लाई चेन प्रभावित होती है और उत्पादन में देरी से व्यापार को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। राव इंद्रजीत सिंह द्वारा इस समस्या को प्राथमिकता देना निश्चित रूप से उद्योग जगत के लिए राहत की बात है।
बापना ने कहा कि फ्लाईओवर निर्माण की घोषणा हुए लगभग एक वर्ष से अधिक समय बीत चुका है, परंतु अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ। उन्होंने उम्मीद जताई कि मंत्री के हस्तक्षेप से अब यह प्रक्रिया तेज होगी और जल्द ही एनएच-48 पर निर्बाध यातायात और सुचारु औद्योगिक गतिविधियों का रास्ता साफ होगा। उन्होंने कहा कि फ्लाईओवर निर्माण से ना केवल उत्पादन और लॉजिस्टिक कार्यों में सुधार आएगा, बल्कि स्थानीय नागरिकों को भी दैनिक जाम से राहत मिलेगी और सडक़ हादसों में कमी आएगी।
उद्योग जगत का मानना है कि सरकार, एनएचएआई और जिला प्रशासन के समन्वय से यदि वैकल्पिक मार्ग व यातायात प्रबंधन को प्राथमिकता दी जाए, तो मानेसर क्षेत्र एक बार फिर निवेश और उत्पादन के दृष्टिकोण से देश का सबसे सुचारु औद्योगिक क्षेत्र बन सकता है।