भिवानी।
भिवानी के बंधन बैंक के एक रिकवरी अधिकारी व कर्मचारी ने मिलीभगत कर एक व्यक्ति से करीब 7 लाख 70 हजार रुपए का फ्रॉड कर डाला। आरोप है कि दोनों ने व्यक्ति से रकम लेकर बैंक लोन अकाउंट में जमा करने की बजाय हड़प कर ली। लोन चुकाने की फर्जी एनओसी थमा दी। औद्योगिक थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
भिवानी के बंधन बैंक लिमिटेड के एमडी रोहित बरार ने बताया कि 22 अप्रैल 2024 को बैंक के एक ग्राहक गज्जू का फोन आया। ग्राहक ने कहा कि बैंक ऋण का भुगतान कर दिया है, लेकिन अभी भी लंबित दिखा रहा है। बार-बार बैंक किश्तों का भुगतान करने के लिए बुला रहे है। रोहित ने गज्जू से पूछा कि उन्होंने अपना ऋण कैसे बंद कर दिया।
गज्जू ने बताया कि वह 4 अगस्त 2023 को बंधन बैंक भिवानी शाखा का में आया था। शाखा के डीलिंग कर्मचारी अरुण को 1 लाख 75 हजार रुपए की नकद राशि का भुगतान किया। राशि का भुगतान करने के बाद, डीलिंग स्टाफ ने कहा कि एनओसी (ऋण खाते का अनापत्ति प्रमाण पत्र) 6 महीने के बाद जारी किया जाएगा। 6 अप्रैल 2024 को गज्जू को अरुण से एनओसी प्राप्त हुई।
बैंक अधिकारियों ने मामले में जांच की तो पाया कि अरुण द्वारा ग्राहक को जारी की गई, NOC जाली हैं। ग्राहक ने अपनी पासबुक भी दिखाई। अरुण ने ग्राहक की पासबुक में अपनी लिखावट में पूरी कर धोखाधड़ी की हुई है। ग्राहक ने बताया कि उन्हें अरुण के फोन से व्हाट्सएप के जरिए जाली एनओसी मिली थी। बैंक सिस्टम में ग्राहक के ऋण खाते में जमा भुगतान का कोई रिकॉर्ड नहीं है। अरुण बैंक में रिलेशनशिप एग्जीक्यूटिव के पद था।
अरुण ने 10 अप्रैल 2024 को बैंक से इस्तीफा दे दिया। अरुण ने बैंक के अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत से यह धोखाधड़ी की है। उसने करीब 7,70,000 रुपए ग्राहकों की पासबुक में दर्ज है, लेकिन बैंक के सिस्टम में पोस्ट नहीं किया है। औद्योगिक थाना पुलिस ने पूर्व कर्मचारी अरुण और अन्य संदिग्ध कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
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