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पंजाब।

19 अगस्त, 2024 को पंजाब के रूपनगर में एक डेड बॉडी मिली। मरने वाले की उम्र 37 साल थी और वो चाय की दुकान चलाता था। उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। मोबाइल भी गायब था। पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की, तो एक सेक्स वर्कर पर शक हुआ। पुलिस ने उसका स्केच बनवाया और तलाश शुरू कर दी।

पुलिस गायब हुए फोन की लोकेशन पता करती रही। करीब चार महीने बीत गए, लेकिन कातिल का पता नहीं चला। आखिर 23 दिसंबर को पुलिस रामस्वरूप उर्फ सोढ़ी तक पहुंची। पता चला कि वो जिस सेक्स वर्कर को तलाश रही है, वो रामस्वरूप ही है। पुलिस के मुताबिक, रामस्वरूप रात में लड़कियों की तरह कपड़े पहनकर निकलता था। लोगों से सेक्स के बदले 200 से 300 रुपए की डिमांड करता। कोई कस्टमर पैसे नहीं देता, तो उसकी जान ले लेता।

पुलिस ने पूछताछ शुरू की तो रामस्वरूप ने 11 मर्डर की बात कबूली। पुलिस ने इनमें से 9 केस वेरिफाई कर लिए हैं। पुलिस का कहना है कि वो विदेश जाने के बाद शौक के लिए गे (समलैंगिक) बना। फिर इसे कमाई का जरिया बना लिया। ये भी पता चला कि रामस्वरूप मर्डर करने के बाद डेडबॉडी के पैर छूकर माफी मांगता था। एक डेडबॉडी की पीठ पर उसने धोखेबाज लिखा था।

 रामस्वरूप का परिवार होशियारपुर के चौड़ा गांव में रहता है। ये गांव अमृतसर से करीब 110 किमी दूर है। हमने रामस्वरूप के परिवार और गांव के सरपंच से बात की। हालांकि गांव के लोग और परिवार वाले पुलिस के आरोपों को सच नहीं मान रहे।

पुलिस ने रामस्वरूप को भरतगढ़ गांव से गिरफ्तार किया था। कस्टडी के दौरान मीडिया ने उससे कुछ सवाल पूछे। रामस्वरूप ने जवाब दिया, ‘मैंने जानबूझकर मर्डर नहीं किए। लोगों ने धोखा दिया, पूरे पैसे नहीं दिए, इसलिए मार दिया।’

करीब दो घंटे इंतजार करने के बाद रामस्वरूप की पत्नी बिना कैमरे पर आए बात करने को राजी हो गईं। रामस्वरूप के बारे में वे बताती हैं, ‘वो AC रिपेयर करते थे। 2007 में हमारी शादी हुई थी। शादी से पहले 2005 में वे काम करने दुबई गए थे। वहां से दो साल बाद लौटे। हमारा रिश्ता नॉर्मल था। हमारी दो बेटियां और एक बेटा है। शादी के दो साल बाद वो काम के लिए कतर चले गए।’

पुलिस रामस्वरूप के गे होने की बात कह रही है, क्या उसके बर्ताव से आपको कभी ऐसा लगा? पत्नी ने जवाब दिया,

पुलिस ने बताया कि रामस्वरूप ने दो साल पहले घर छोड़ दिया था। क्या घर पर कोई बात हुई थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा है कि उसके गे होने की जानकारी मिलने पर परिवार ने घर से निकाल दिया था। इसके जवाब में रामस्वरूप की पत्नी कहती हैं, ‘परिवार को इस बात पर आज भी भरोसा नहीं है कि वो समलैंगिक हो सकते हैं। किसी की जान ले सकते हैं। आप चाहें तो पूरे गांव से पूछ सकते हैं।’

‘दुबई से लौटने के बाद वो 4-5 साल के लिए कतर गए थे। वहां भी अच्छा काम किया। गांव लौटे तो नया घर बनवाया। लोगों से उधार लिए पैसे लौटाए। दो साल से वो काफी गुमसुम रहने लगे थे। काम करने नहीं जाते थे और नशा करने लगे थे। हमने उनसे कहा कि कुछ काम-धंधा कर लो। तब वो काम की तलाश में घर से चले गए थे। अब पकड़े जाने के बाद हमें उनके बारे में पता चला है।‘

हमने केस के जांच अधिकारी और रूपनगर के कीरतपुर साहिब थाना प्रभारी जतिन कपूर से भी बात की। इनकी टीम ने ही रामस्वरूप को स्केच और क्राइम स्पॉट से मिले मफलर के आधार पर अरेस्ट किया था।

इंस्पेक्टर जतिन कपूर बताते हैं, ‘रामस्वरूप 2005-06 में दुबई गया था। विदेश जाने के बाद उसे गे (समलैंगिक) होने का एहसास हुआ। वो खुशी से समलैंगिक बना था। पूछताछ में उसने बताया कि बचपन से मुझमें ऐसी फीलिंग थी। समाज के डर से कभी जाहिर नहीं कर सका।’

‘मैंने गांव में भी कभी ऐसी कोई हरकत नहीं की, जिससे किसी को इसका पता चल सके। परिवार को भी इस बारे में कुछ पता नहीं था। जब मैं विदेश गया, तब मुझे इसका एहसास हुआ। पहली बार विदेश से लौटते ही घरवालों ने शादी करा दी। इसलिए फिर कुछ नहीं कह सका।‘

शादी को लेकर रामस्वरूप ने पूछताछ में बताया, ‘मेरी शादीशुदा जिंदगी अच्छी चल रही थी। बच्चे भी हुए। फिर मुझे शराब की लत लग गई और मैं बहुत ज्यादा शराब पीने लगा। घर पर पैसे कमाकर नहीं दे पाता था। इसलिए घरवालों ने सवाल किए, इसी वजह से दो साल पहले मैंने घर छोड़ दिया था।‘

जांच अधिकारी जतिन कपूर बताते हैं, ‘पहले वो शौक के लिए गे बना। फिर सेक्स वर्कर की तरह काम करने लगा। कई लोग पूरे पैसे नहीं देते थे। कुछ इसकी शारीरिक बनावट को लेकर गलत कमेंट करते थे। इस गुस्से में वो ऐसे लोगों के मर्डर करने लगा। कई मर्डर शराब के नशे में किए, इसलिए उसे याद भी नहीं हैं।‘

जांच अधिकारी आगे बताते हैं, ‘वो मर्डर के लिए किसी खास हथियार का इस्तेमाल नहीं करता था। उसे मौके पर जो कुछ भी मिल जाता था, उसी से हमला कर देता था। शुरू में 5 मर्डर वेरिफाई हुए थे। फिर 9 मर्डर का पता चला। अब पिछले डेढ़ साल में उसने 11 मर्डर की बात कबूल की है।‘

पुलिस की जांच में मर्डर का एक केस रोपड़ में भी मिला। मरने वाला एक थर्मल प्लांट में सिक्योरिटी गार्ड था। रामस्वरूप उसे रास्ते में मिला था। उसने लड़की की ड्रेस पहनी थी। उसने गार्ड से बाइक पर लिफ्ट ली। रास्ते में पैसों को लेकर बात हुई। रिलेशन बनाने के बाद सिक्योरिटी गार्ड ने पैसे देने से इनकार कर दिया। इसी से नाराज होकर रामस्वरूप ने बेसबाल बैट से उसकी हत्या कर दी। फिर पीठ पर लाल पेन से धोखेबाज लिख दिया।