गुरूग्राम (जतिन/राजा) :
भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। जिससे वैश्विक व्यापार सहयोग के एक नए युग की शुरुआत हुई।
यह समझौता टैरिफ में उल्लेखनीय कमी करता है, सेवाओं तक पहुंच का विस्तार करता है, और निवेश एवं व्यावसायिक गतिशीलता के मार्ग को सुदृढ़ करता है।
इस बारे में एफआईआई के प्रेसिडेंट डा.दीपक जैन ने बताया कि व्यावसायिक समुदाय के लिए, यह अत्यंत आशावाद का क्षण है। यह समझौता विकास के तत्काल अवसर प्रदान करता है, विशेष रूप से कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मास्यूटिकल्स, ऑटोमोबाइल, खाद्य एवं पेय पदार्थ, और आईटी सेवाओं जैसे क्षेत्रों में।
उन्होंने बताया कि कम व्यापार घर्षण और बेहतर बाजार प्रवेश के साथ, कंपनियां तेजी से विस्तार कर सकती हैं और वैश्विक मंच पर अधिक प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि यह मुक्त व्यापार समझौता भविष्य के लिए एक मज़बूत आधार प्रदान करता है तथा नवाचार को प्रोत्साहित करने के साथ आपूर्ति श्रृंखला एकीकरण को सुगम बनाता है और सीमा-पार साझेदारी के लिए नए रास्ते खोलता है।
डॉ दीपक जैन ने कहा कि यह आधुनिक, चुस्त व्यापार प्रणालियों के निर्माण के लिए एक साझा प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो उद्योगों और उपभोक्ताओं दोनों को समान रूप से लाभान्वित करती हैं। उन्होंने कहा कि इस समझौते से व्यापार, व्यवसाय और एक अधिक संबद्ध वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खुलने वाली अनेक संभावनाओं है।