गुरूग्राम (जतिन/राजा)
संघर्ष से सफलता तक की अद्भुत यात्रा करने वाले 95 वर्षीय एनआरआई उद्योगपति और कैपेरो ग्रुप के संस्थापक एवं ग्लोबल चेयरमैन लॉर्ड स्वराज पॉल का गुरुवार की रात निधन हो गया।
उनका निधन ना केवल एक युग का अंत है, बल्कि उद्योग जगत का चमकता सितारा भी बुझ गया। उनका निधन उद्योग जगत के साथ-साथ समाजसेवा के क्षेत्र के लिए भी अपूरणीय क्षति है। उनके निधन की खबर से देश-विदेश के उद्योग और सामाजिक संगठनों में शोक की लहर दौड़ गई। गुरुग्राम स्थित कैपेरो मारुति मुख्यालय में सीईओ विनोद बापना और कर्मचारियों ने श्रद्धांजलि अर्पित कर उन्हें याद किया।
बता दें कि स्वराज पॉल का जन्म जालंधर में हुआ था। हालांकि उनके पिता का पैतृक गांव भिवानी जिले का गांव चांग था, वहीं उनकी मां चरखी दादरी के गांव चरखी की निवासी थीं। यही कारण है कि विदेश में रहते हुए भी उनका दिल हमेशा अपनी मिट्टी से जुड़ा रहा।
1960 के दशक में वे अपनी नन्ही बेटी अंबिका के कैंसर के इलाज के लिए ब्रिटेन गए। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। सिर्फ चार साल की उम्र में अंबिका का निधन हो गया। इस व्यक्तिगत त्रासदी ने स्वराज पॉल के जीवन को नई दिशा दी। उन्होंने बेटी की स्मृति में अंबिका पॉल फाउंडेशन की स्थापना की।
यह संस्था आज दुनियाभर में बच्चों और युवाओं की शिक्षा और स्वास्थ्य योजनाओं में करोड़ों रुपये का सहयोग दे चुकी है। भले ही लॉर्ड स्वराज पॉल वैश्विक मंचों पर चमके, लेकिन अपनी जड़ों से कभी दूर नहीं हुए। उनकी यह सोच थी कि ग्रामीण शिक्षा की मजबूत नींव ही देश का भविष्य संवार सकती है।
बात करें लॉर्ड स्वराज पॉल की उपलब्धियों की तो उन्होंने असाधारण कार्यों के लिए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दर्जनों पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। वर्ष 1983 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने उन्हें पद्म भूषण से नवाजा गया। स्व.पॉल को इंडियन मर्चेंट्स चैंबर द्वारा भारत गौरव पुरस्कार भी मिला। ब्रिटेन सहित कई देशों ने उन्हें उद्योग और समाजसेवा के क्षेत्र में उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए सम्मानित किया।
लॉर्ड स्वराज पॉल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सीईओ विनोद बापना ने कहा कि लॉर्ड स्वराज पॉल ने अपने बिजनेस साम्राज्य और समाजसेवी कार्यों के जरिए ना सिर्फ लाखों लोगों को रोजगार दिया, बल्कि भारत की वैश्विक पहचान को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाया।
उन्होंने बताया की उनका व्यापार भारत के साथ -साथ दुबई, ब्रिटेन, अमेरिका जैसे देशों में भी फैला हुआ है,वे मानते थे कि सच्ची सफलता वही है, जो समाज को लौटाई जाए। बापना ने कहा कि लॉर्ड स्वराज पॉल भले ही इस दुनिया से विदा हो गए हों, लेकिन उनका जीवन संघर्ष, सेवा और परोपकार की ऐसी मिसाल है, जिसे आने वाली पीढिय़ां लंबे समय तक याद रखेंगी।
उनकी विरासत केवल एक औद्योगिक साम्राज्य नहीं, बल्कि एक मानवता की मशाल है, जो हमेशा जलती रहेगी।
विनोद बापना ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश के बड़े-बड़े राजनेताओं, उद्योगपतियों ने उनके निधन पर गहरा शौक व संवेन्दनाऐं व्यक्त की हैँ।